“आपको हड्डी का कैंसर है“…. यह शब्द सुनते ही किसी की भी ज़िन्दगी में तूफ़ान आ सकता है क्यूंकि समाज में कैंसर के प्रति बहुत गलत धारणाएं हैं. ऐसा सुनते ही मरीज़ और उसके रिश्तेदारों में बहुत डर बैठ जाता है जब की यह बिलकुल ठीक हो सकता है.
हड्डी का कैंसर क्या है? क्या हड्डी में भी कैंसर हो सकता है?
हड्डी का कैंसर एक तरह की फैलने वाली रसोली है जो कि फेफड़े में या फिर शरीर में और कहीं फैल सकती है. हड्डी का कैंसर दो प्रकार का हो सकता है – एक वह जो हड्डी में ही शुरू होता है जिसे प्राइमरी बोन कैंसर (PRIMARY BONE CANCER ) कहा जाता है और दूसरा सेकेंडरी बोन कैंसर (SECONDARY BONE CANCER ) जो कि शरीर में किसी और अंग में (जैसे कि जिगर, फेफड़ा, स्तन , थाइरोइड, गदूद, पेट आदि ) में शुरू होता है और हड्डी में फैल के आता है.
प्राइमरी और सेकेंडरी बोन कैंसर का इलाज एक दुसरे से अलग होता है.
सेकेंडरी बोन कैंसर प्राइमरी बोन कैंसर कि तुलना में जनता में कहीं अधिक पाया जाता है.
हड्डी के कैंसर के क्या लक्षण होते हैं?
कैंसर ग्रसित हड्डी में दर्द होना इसका एक प्रमुख लक्षण है । दर्द समय के साथ बढ़ता रहता है । दर्द के साथ उस हड्डी में सूजन भी हो सकती है । कभी कभी कैंसर से हड्डी कमजोर हो जाती है और उसका फ्रैक्चर भी हो सकता है। कैंसर ग्रसित हड्डी का फ्रैक्चर आम फ्रैक्चर से बहुत अलग होता है । कैंसर ग्रसित हड्डी क्यूंकि सामान्य हड्डी से कमजोर होती है इसलिए वह हलकी सी चोट से भी टूट सकती है जैसे कि साइकिल से गिरना, गेंद लगना, या फिर कभी कभी करवट लेते हुए भी कैंसर ग्रसित हड्डी का फ्रैक्चर हो सकता है ।
कई बार यह सब लक्षण हड्डी में इन्फेक्शन होने का भी भ्रम पैदा करते हैं जो कि इसके इलाज को न केवल देरी करता है बल्कि उसे और मुश्किल भी बना देता है ।
गौरतलब है कि प्राइमरी बोन कैंसर आम तोर पे बच्चों या किशोरावस्था में होता है जब कि सेकेंडरी बोन कैंसर बजुर्ग लोगों में होता है ।
हड्डी कि कैंसर क्यों होता है?
अभी तक विज्ञान कि पास इसका कोई ठोस कारण नहीं है कि हड्डी का कैंसर किन वजहों से होता है। जिन मरीज़ों को किसी कारणवश पहले सिकाई (रेडिएशन) मिली होती है, उनमे हड्डी का कैंसर होने कि सम्भावना बड्ड जाती है
हड्डी कि कैंसर कि किस प्रकार से जांच होती है?
जिस मरीज़ में हड्डी कि कैंसर होने का शक़ होता है उसे कुछ खून के टेस्ट, एक्सरे और ऍम. आर .आयी कराया जाता है । क्यूंकि यह कैंसर शरीर में कहीं और भी हो सकता है, इसलिए पी. ई. टी . स्कैन कि भी आवश्यकता हो सकती है ।
साथ में मरीज़ को बीओप्सी (BIOPSY ) टेस्ट कि भी जरुरत होती है ।
बीओप्सी टेस्ट क्या होता है?
बीओप्सी में एक हड्डी का टुकड़ा निकाल के पथॉलजिस्ट के पास टेस्ट के लिए भेजा जाता है जिस से यह पता चलता है कि यह हड्डी का कैंसर किस प्रकार का है । आम तोर पे यह बीओप्सी टेस्ट एक सुई से ही किया जाता है । आज कि टेक्नोलॉजी में सुई से बीओप्सी पर मरीज़ को दर्द नहीं होता । ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि सुई से बीओप्सी ऍफ़ .एन . ऐ . सी. (FNAC ) से अलग होता है और FNAC का हड्डी के कैंसर में कोई ख़ास योगदान नहीं होता है ।
क्यूंकि गलत जगह से या गलत तरीके से कि गयी बीओप्सी कैंसर के इलाज को मुश्किल कर सकती है इसलिए आम जनता को सलाह दी जाती है कि बीओप्सी को हड्डी के कैंसर के स्पेशलिस्ट से ही कराया जाए ।
हड्डी के कैंसर का क्या इलाज होता है?
हड्डी के कैंसर का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि वह किस प्रकार का हड्डी का कैंसर है । इसके इलाज में कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और ऑपरेशन आदि की जरुरत हो सकती है।
हड्डी की कैंसर में किस प्रकार का ऑपरेशन होता है? क्या सिर्फ अंग काटने वाला ऑपरेशन से ही मरीज़ को बचाया जा सकता है?
आम धारणा से अलग , हड्डी के कैंसर में ज्यादातर अंग बचाने वाला ऑपरेशन ही किया जाता है । इस ऑपरेशन में कैंसर ग्रसित हड्डी को निकाल के उसकी जगह अर्टिफिशियल इम्प्लांट लगा दिया जाता है।
कुछ मरीज़ों में कैंसर ग्रसित हड्डी को निकाल के उसे बहुत ज्यादा मात्रा में रेडिएशन दी जाती है जिस से कि कैंसर कोशिकाएं मर जाती हैं और फिर उस हड्डी को दोबारा जोड़ दिया जाता है. इस तकनीक को ई. सी. आर. टी. (ECRT ) भी कहा जाता है ।
रेडिएशन के अलावा लिक्विड नाइट्रोजन से भी कैंसर कि कोशिकाओं को मारा जा सकता है। इस तकनीक को क्रायोथेरेपी भी कहा जाता है ।
क्या हड्डी का कैंसर ठीक हो सकता है?
आज कि नयी टेक्नोलॉजी और कीमोथेरेपी के चलते 70 – 75 % मरीज़ों में प्राइमरी बोन कैंसर ठीक हो सकता है ।
जिन मरीज़ों का कैंसर फेल चुका होता है उन में भी बहुत कुछ किया जा सकता है ताकि उनकी जीवन की गुणवत्ता (quality of life ) बहाल कि जा सके ।
क्या हड्डी की कैंसर कि रोकथाम की जा सकती है?
क्यूंकि हड्डी की कैंसर का कोई कारण अभी तक पता नहीं चल पाया, इसकी रोकथाम संभव नहीं है । हड्डी का कैंसर होने पर उसका इलाज किया जा सकता है ।
हड्डी का कैंसर होने पर किस से मिलना चाहिए?
क्यूंकि हड्डी की कैंसर में इलाज का पहला मौका ही सबसे बढ़िया मौका होता है, इसलिए इसका इलाज एक हड्ड़ी की कैंसर के स्पेशलिस्ट से ही कराना चाहिए ।
डॉ रजत गुप्ता
ओर्थपेडीक ऑन्कोलॉजिस्ट
बोन कैंसर क्लिनिक
कोठी न 5 , सेक्टर 19 ए , चंडीगढ़
SCO 141 , सेक्टर 14 , पंचकूला
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